रविवार, 8 जनवरी 2012

छिद्रान्वेषण... अकर्म..व अनैतिक कर्म...डा श्याम गुप्त...


--- इसे कहते हैं ..अकर्म ...
१.-------वाह ! वाह!  क्या बात है...क्या न्याय   है ..लोगों को तो ओढने को मुहैया नहीं है....दो गज कपड़ा ..जानवरों की मूर्तियों को पोलीथीन की ओढनी..?
----जिस तथ्य के , अनावश्यक खर्च, के कारण आलोचना  हुई उसी के कारण ,आज्ञा-पालन में वही तथ्य, अनावश्यक खर्च... .....क्या हम ..हमारी संस्थायें दूरंदेशी से कार्य कर रही हैं ......
---मुख्यमंत्री मायावती जी को आभारी होना चाहिए  कि इस प्रकार उन्हें और अधिक पब्लीसिटी मिलेगी, ढकी हुई मूर्ति देख कर और अधिक लोग पूछेंगे कि ये क्या है ...और जबाव मिलेगा...बसपा का हाथी ....बहुत खूब....
----क्या  चुनाव चिन्ह ’साइकल ’  का भी सडक पर, शहर में चलना /चलाना बन्द किया जायगा ...?

       २-  यदि आप  किक होने को तैयार  है, यदि आप  क्लिक होना चाहते हैं  तो आपको निश्चय ही... बटन खोलने होंगे ...